નવલકથા: આવૃત્તિઓ વચ્ચેનો તફાવત
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उपन्यास गद्य लेखन की एक विधा है ।
परिचय
माना जाता है कि दुनिया का सबसे पहला उपन्यास जापानी भाषा में 1007 ई. में लिखा गया था। यह था “जेन्जी की कहानी” नामक उपन्यास। इसे मुरासाकी शिकिबु नामक एक महिला ने लिखा था। इसमें 54 अध्याय और करीब 1000 पृष्ठ हैं। इसमें प्रेम और विवेक की खोज में निकले एक राजकुमार की कहानी है।
यूरोप का प्रथम उपन्यास सेर्वैन्टिस का “डोन क्विक्सोट” माना जाता है जो स्पेनी भाषा का उपन्यास है। इसे 1605 में लिखा गया था।
अंग्रेजी का प्रथम उपन्यास होने के दावेदार कई हैं। बहुत से विद्वान 1678 में जोन बुन्यान द्वारा लिखे गए “द पिल्ग्रिम्स प्रोग्रेस” को पहला अंग्रेजी उपन्यास मानते हैं।
भारतीय भाषाओं में उपन्यास
हिन्दी का प्रथम् उपन्यास
'देवरानी जेठानी की कहानी' (लेखक - पंडित गौरीदत्त ; सन् १८७०) । श्रद्धाराम फिल्लौरी की भाग्यवती और लाला श्रीनिवास दास की परीक्षा गुरू को भी हिन्दी के प्रथम उपन्यस होने का श्रेय दिया जाता है।
इंदुलेखा - रचनाकाल, 1889, लेखक चंदु मेनोन
प्रताप मुदलियार - रचनाकाल 1879, लेखक, मयूरम वेदनायगम पिल्लै
दुर्गेशनंदिनी - रचनाकाल, 1865, लेखक, बंकिम चंद्र चटर्जी
यमुना पर्यटन - रचनाकाल, 1857, लेखक, बाबा पद्मजी।
इसे भारतीय भाषाओं में लिखा गया प्रथम उपन्यास माना जाता है।
इस तरह हम देख सकते हैं कि भारत की लगभग सभी भाषाओं में उपन्यास विधा का उद्भव लगभग एक ही समय दस-बीस वर्षों के अंतराल में हुआ।
इन्हें भी देखें
वाह्य सूत्र
- उपन्यास और कहानी (साहित्यालोचन, हिन्दी चिट्ठा)
- आधुनिकता और हिन्दी उपन्यास (गूगल पुस्तक ; लेखक - इन्द्रनाथ मदन)
- हिन्दी उपन्यासकार कोष (गूग्ल पुस्तक ; लेखक - संतोष गोयल)
- हिन्दी उपन्यास : सृजन और सिद्धान्त (गूगल पुस्तक ; लेखक - नरेन्द्र कोहली)